पाठकों से निवेदन

इस ब्लोग पर तंत्र, मंत्र, ज्योतिष, वास्तु व अध्यातम के क्षेत्र की जानकारी निस्वार्थ भाव से मानव मात्र के कल्याण के उद्देश्य से दी जाती है तथा मैं कोई भी फीस या चन्दा स्वीकार नहीं करता हुं तथा न हीं दक्षिणा लेकर अनुष्ठान आदि करता हुं ब्लोग पर बताये सभी उपाय आप स्वंय करेगें तो ही लाभ होगा या आपका कोई निकट संबधी निस्वार्थ भाव से आपके लिये करे तो लाभ होगा।
साईं बाबा तथा रामकृष्ण परमहंस मेरे आदर्श है तथा ब्लोग लेखक सबका मालिक एक है के सिद्धान्त में दृढ़ विश्वास रखकर सभी धर्मों व सभी देवी देवताओं को मानता है।इसलिये इस ब्लोग पर सभी धर्मो में बताये गये उपाय दिये जाते हैं आप भी किसी भी देवी देवता को मानते हो उपाय जिस देवी देवता का बताया जावे उसको इसी भाव से करें कि जैसे पखां,बल्ब,फ्रिज अलग अलग कार्य करते हैं परन्तु सभी चलते बिजली की शक्ति से हैं इसी प्रकार इश्वर की शक्ति से संचालित किसी भी देवी देवता की भक्ति करना उसी शाश्वत निराकार उर्जा की भक्ति ही है।आपकी राय,सुझाव व प्रश्न सीधे mahesh2073@yahoo.comपर मेल कीये जा सकते है।

Sunday, April 11, 2010

प्याज पर ब्याज




यदि आप धनवान होना चाहते हैं तो यह लेख अवश्य पढ़ना चाहिये। भारत में एक पंथ विशेष के लोग प्याज लहसुन आदि मूल (जड़) में उत्पन्न वस्तुएं नहीं खाते तथा इस पंथ ( जाति) के लोग धनवान भी खुब होते हैं।
इसके रहस्य को समझना आपको भी धनवान बनने में मदद कर सकता है। मान लिजिये आपके पास चार प्याज है तथा आपकी प्याज के पकौड़े व प्याज की कढ़ी खाने की इच्छा है तो आप क्या करेगें ?
आप इन प्याजों को काटकर प्याज के पकौड़े व कढ़ी बना लेगें। अब मैं आपसे पुछूं कि आप इन पकौड़ों व कढ़ी में प्याज नहीं डालते तो क्या फर्क पड़ता? आप झट से जबाब देगें कि अरे प्याज की खुश्बू से खाना स्वादिष्ट हो जाता है ।
अब इसका दुसरा तरीका भी आपके पास था वो ये कि आप इन चार प्याजों को गमले में उगा देते तथा इनके पतों को बारीक काट कर पकौड़ो व कढ़ी में डालते तो भी आपको वही फलेवर व स्वाद मिलता जो प्याज डालने पर आया था परन्तु इस विधि में आप हर 3 से 7 दिन में इन पतों को काट कर 4 प्याज का स्वाद जीवन भर ले सकते हैं।
बस यहि इस जाति की खासियत है ये जहां तक हो सके मूलधन को नहीं खाते मूलधन को ये लोग मूड़ी कहते हैं केवल मूल से उत्पन्न पते (ब्याज) खाकर जीवन भर काम चला लेते हैं। इसी जाति के एक व्यक्ति ने मुझे बताया कि यदि 10000 रूपये किसी को 2 रूपये सैंकड़ा ब्याज पर दिये जावें तथा ब्याज हर माह जोड़ा जावे तो 30 वर्ष में ये लगभग 1 करोड़ रूपये हो जाते हैं।
यदि आपके पुरखों ने 100 वर्ष पहले 15 प्रतिशत चक्रवृद्वि ब्याज से आपके नाम 1 रूपये की फिक्स डिपोजिट करवायी होती तो आज आपको उसके 10 लाख रूपये मिलते।
तो श्रीमान प्याज मत खाईये इसको उगाकर इसके पतों का ब्याज खाईये।

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