अब मुझे लगता है जब अन्ना को हजारों लोग जानते थे तब वो अन्ना हजारे थे आज तो करोड़ों लोग उनके साथ हैं तो उनको अपना नाम अन्ना हजारे से अन्ना करोड़े कर लेना चाहिये। मुझे बड़ा आश्चर्य हो रहा है कि हमेंशा भगतसिंह व चन्द्रशेखर आजाद की तरह बलिदान के गाने बजाने वाले व देश के लिये बलिदान होने की चीख चीख कर बात करने वाले बाबा रामदेव को जब बलिदान देने का समय आया तो वो मंच से कुदकर भाग लिये।
दुसरी बार बलिदान देने का समय आया तो उन्होने जूस पीकर अनशन ही समाप्त कर दिया ( क्षमा करना बाबा रामदेव जी मैं आपका विरोधी नहीं भारत स्वाभिमान का सदस्य हुं तथा केवल मेरे मन में आयी शंका को ही व्यक्त कर रहा हुं आपकी देशभक्ति असदिंग्ध है)
अब फिर मौका आया तो स्वामी जी हरिद्वार में मोर्चा निकाल रहें है यह उसी प्रकार है कि मैं मेरे घर के एक कमरे से दुसरे कमरे तक अपने बोस के खिलाफ मोर्चा निकालूं ।
बाबा जी जब से आप पर साढेसाती आयी है। ( यह मजाक नहीं है तुला राशि पर वास्तव में साढे साती चल रही है) आपको पता नहीं क्या हो गया है।
पाठक क्या कमेंटस करके मुझे समझाएगें कि बाबा रामदेव खुलकर अन्ना करोड़े ( जल्द ही अन्ना अरबे) जी के साथ क्यों नहीं आते??????