लाल किताब ज्योतिष की एक अनमोल पुस्तक है।इस पुस्तक को फगवाड़ा के किसी श्री रूपचंद जोशी पंडित ने उर्दुभाषा में लिखा था आजकल कतिपय टीवी प्रोग्रामों में लाल किताब के नाम पर जो कुछ बेचा जा रहा है उसके बारे में मैं ज्यादा तो नहीं जानता परन्तु उनका फ्री सैम्पल मैने ओनलाईन अपनी जन्मपत्रिका का बनवाया तो मैं कह सकता हुं कि उसका लाल किताब से कोई दुर दुर तक का वास्ता नहीं है तथा इसकी अत्यधिक मंहगी किमत को देखकर मैने निर्णय लिया है कि मैं धीरे धीरे श्रखंलाबद्व लाल किताब की ज्योतिष का अनमोल ज्ञान आप तक पहुंचा कर जनसाधारण को इस विषय में पारंगत कर सकता हुं ताकि वो अपनी ज्योतिष लाल किताब की सहायता से स्ंवय जानकर आर्थिक रूप से सुरक्षित रहते हुये अपनी जीवन यात्रा को सुगम बना सके।
नास्तिक व्यक्ति भी कृपया अपनी जन्म पत्रिका का लाल किताब से अध्ययन अवश्य करें ताकि उनको पता चल सके कि इस संसार में आपके साथ जो कुछ भी हो रहा है वो ईश्वर की अदभुत व्यवस्था से हो रहा है तथा आप इस व्यवस्था को बदल तो नहीं सकते परन्तु सजग रहकर बहुत कुछ अपने बचाव में भी कर सकते हैं।
तो आईये ज्यादा विस्तार न करके आपको सीखायें कि आप कैसे इस विधा से ज्योतिष में पारंगत बन सकते हैं।
पहले किसी भी कम्प्यूटर सोफटवेयर से या ओनलाईन अपनी जन्म पत्रिका बनावें।
अब उसमें लग्न कुण्डली देखें।
लग्न कुण्डली इस प्रकार दिखायी देगी।
अब इस लग्न कुण्डली में जहां मैने पहला खाना लिखा है उस खाने में आपके कौनसा ग्रह स्थित है वो इस ब्लोग पोस्ट के कमेंट में लिखें।
अगले भागों में मैं इस ब्लोग पोस्ट में आये कमेंटों के वरियता क्रम से यह प्रकाशित करूंगा कि लाल किताब के अनुसार आपके पहले खाने में स्थित ग्रह का क्या फलादेश होता है।
कृपया कमेंट में अपनी जन्म तारिख जन्म स्थान समय आदि नहीं लिखें केवल आपके पहले खाने में कौनसा ग्रह है उसका नाम ही लिखें आपके पहले खाने में ग्रह एक से ज्यादा हो तो भी लिखें उनका फलादेश भी अलग अलग व एक साथ होने का क्या अर्थ है आगामी पोस्टों में बताया जावेगा।
कृपया ध्यान रखें जहां मैने पहला खाना लिखा है उसी जगह को पहला खाना मानकर वहां का ग्रह ही बताना है भले ही आपकी जन्म पत्री में उस जगह पर 11, 5,6, या कोई भी नम्बर लिखा हो जैसे निम्न लग्न कुण्डली देखें यहां उस जगह पर 11 व केतु ग्रह लिखा है तो इसका अर्थ यही है पहले खाने में केतु है।